नवरात्र विचार – कैसे हो सलाहकार?
कनवरात्र विचार में आज बात करते हैं कि हमारे सलाहकार कैसे हो?जब सुंदरकांड का हम पाठ करते हैं तब उसमें विभीषणजी रावण को समझाते हैं उस समय रावण की सभा में जो प्रतिक्रिया होती है उसको लेकर गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है- सचिव बैद गुर तीनि जौंप्रिय बोलहिं भय आसराज धर्म तन तीनि करहोइ […]
Continue Reading